Madhu varma

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लेखनी कविता - टॉर्च - बालस्वरूप राही

टॉर्च / बालस्वरूप राही


बत्ती गई डरो मत पापा,
मैं लाती हूँ टॉर्च अभी।

इतनी तेज़ रोशनी इसकी,
चीजें चमकें साफ़ सभी।

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